विकास से वंचित है महा दलित टोला के लोग
विकास से वंचित है महा दलित टोला के लोग
भले ही दुनिया
21वीं सदी में हो लेकिन आज भी रुस्तमपुर पंचायत का सुखासन कोठी वार्ड -3 के महादलित विकास से कोसों दूर है । बड़ाहारा कोठी
प्रखंड के इस गावं के लोगों को न तो सरकारी योजनाओ का लाभ मिल रहा है और न ही उनकी
फरियाद सुनने वाला कोई है । सरकार के द्वारा चलाये महत्वाकांक्षी महा दलित विकास योजना भी इनकी पहुँच से दूर है । अपने हक के लिए
ये महादलित प्रखंड , सब –डिवीजन से लेकर जिला मुख्यालय में अपनी फरियाद कर चुके हैं , लेकिन वहां से भी
उनको सिर्फ आश्वासन ही मिला है । 100 से ज्यादा महादलित परिवार वाले टोला के लोग
अपने हक के लिए दर- बदर भटकने के लिए
मजबूर हैं ।
रेडियो से वंचित रहे महा दलित
नीतीश
सरकार ने बीपीएल में शामिल प्रत्येक महादलित परिवार के लिए मुफ्त मैं रेडियो
बांटने की योजना तैयार की थी । इस योजना के तहत रेडियो का वितरण भी किया गया लेकिन
पंचायत के इन महा दलितों को इसका लाभ नहीं मिला है । रेडियो की बात करते ही पंचायत
की दुलार देवी तपाक से जवाब देती है “इस गावं मैं रेडियो बजता ही नहीं है सो
सर्कार ने नहीं दिया , दो दिन ब्लाक में भी गए लेकिन साहब ने कहा की लिस्ट मैं नाम
ही नहीं है कहाँ से मिलेगा । पूर्णिया भी गए थे जनता दरबार मैं वहां साहब ने कहा
की जाँच करेंगे,सब बेकार है योजना बाबुओं के लिए है हमारी परवाह किसको है ।
जिन्दगी के 70 बसंत देख चुके टेसन मेहतर कहते
हैं की हम लोगों को कोई लाभ नहीं मिला है आज तक वृद्धा पेंशन भी नहीं मिलता है
। सरकार और हाकिम की नजर में हम लोग अमीर है तभी तो न इंदिरा
आवास , ना शौचालय , न ही जॉब कार्ड मिला है ।
राशन भी भगवन भरोसे है कभी मिला तो कभी नहीं । यहाँ के लोग सिर्फ उम्मीद में जी रहे है , कोई
सुनने वाला नहीं है पेंशन का कागज बनाने के लिए कहा से घूस देंगे सो नहीं मिला ।
कहानी इतनी ही नहीं है यहाँ के कई परिवार ऐसे है जिनको बीपीएल का लाभ नहीं मिला है
। सरकार महादलित के नाम पर हम लोगों को मूर्ख बना रही है ।
दस साल से नहीं मिला इंदिरा आवास
2003-2004
के बाद से यहां के लोग इंदिरा आवास योजना से वंचित हैं । गाँव के सुरेश ऋषिदेव
बताते हैं “यहाँ के कुछ लोगों को दस साल पहले इंदिरा आवास मिला था, उसके बाद आज तक
किसी को नहीं मिला है । मुखिया बगल के गावं का है सुनता ही नहीं है , विकास मित्र
सिर्फ देह दिखाने आता है ।जितना भी फायदा होता है वह अपने गावं के लोगों को ही
देता है ।कई लोगों के घर काफी जर्जर हो सके है ब्लॉक मैं भी प्रखंड विकास
पदाधिकारी के पास भी हम लोग गए लेकिन कोई फायदा नहीं मिला” ।
पलायन को मजबूर है युवा
वार्ड -3
के लोग मनरेगा योजना से भी वंचित है । जॉब
कार्ड नहीं होने के कर से लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है । जॉब कार्ड
के आभाव मैं यहाँ के लोग जीवन- यापन के लिए पलायन करने पर मजबूर है ।भले सरकार कोई
लाभ नहीं दे रही है कम से कम मजदूरी तो दे सकती है ।गनेश्वर ऋषिदेव कहते है की
गावं मैं ज्यादातर बूढ़े लोग रह गये हैं , जवान सब काम रोजगार के लिए ज्यादा समय
बहार ही रहते है ।
आंगनबाड़ी भी नहीं है
गरीबी
ज्यादा होने के कारन से यहाँ कई और भी समस्या है । महादलित टोला होने के बाद भी
यहाँ आंगनबाड़ी की सुविधा नहीं है । इस वार्ड का आंगनबाड़ी भी टोले से लगभग २
किलोमीटर की दूरी पर है । आंगनबाड़ी पास नहीं होने के कारन से महिलाओं और बच्चों को
काफी दिक्कत होती है । फुलिया देवी कहती हैं की हमारे हक की चीज भी हमें नहीं
मिलती है ।पहले आंगनबाड़ी यही बनना था लेकिन वह वार्ड -2 में बन गया , वहां पहले से
ही आंगनबाड़ी था । वहां तक मेन रोड होकर
जाना परता है बच्चों को अकेले कैसे भेज सकते है , कही कुछ दुर्घटना हो गयी तो कौन
जम्मेवारी लेगा ।
बिजली भी नहीं है
कौशल्या
देवी कहती है शाम होते ही अँधेरा हो जाता
है , 5 टकिया लाईट के भरोसे जी रहे है हम लोग बगल के बाबुओ के टोला मैं बिजली जलती
है । हम लोगों की जिन्दगी बिना लाइन के ही गुजर गयी । पता नहीं जीते जी देख सकेंगे
की नहीं ।
दलित लोगों की बात आगे बढ़ाने के लिये इस लेख को विजयवाणी डॉट इन में दिया जा रहा है।
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